Facebook New Name in Hindi: फेसबुक के नए नाम Meta का क्या है मतलब? जानिए क्या है Metaverse 2021 Best

Facebook New Name in Hindi
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Facebook आज सबसे लोकप्रिय Social Media Platforms में से एक है। दुनिया के अधिकतर लोग यहां अपने हर पल की अपडेट्स शेयर करते हैं। इस बीच खबर आ रही है कि Facebook ने अपना नाम बदलकर Meta रख दिया है। आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे कि Facebook का नाम क्यों बदला गया है (Facebook Name Change), Meta kya hai, Metaverse kya hai, Metaverse Meaning in Hindi Facebook New Name in Hindi इत्यादि। आइये जानते हैं इन तमाम जानकारियों के बारे में।

Facebook New Name In Hindi

भारत समेत दुनियाभर में सबसे ज्यादा पॉपुलर सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म Facebook को अब Meta के नाम से जाना जाएगा. कंपनी ने इसका नाम बदल दिया है. कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि हम इसे महज एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक ही सीमित नहीं रखना चाहते हैं और अब जो हम करने जा रहे हैं उसके लिए नए नाम के साथ जाने की जरूरत थी, जिससे सभी को ये पता लग सके कि हम क्या कर रहे हैं और क्या करने जा रहे हैं.

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क्या होता Meta का मतलब? ( Meta kya hai )

Facebook के सीईओ मार्क जकरबर्ग के मुताबिक मेटा का ग्रीक में मतलब Beyond होता है, यानी हद से पार. इसको ऐसे समझ सकते हैं कि कंपनी का नाम फेसबुक से बदलकर मेटा इसलिए किया गया है ताकी इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहीं ज्यादा आगे एक वर्चुअल दुनिया में ले जाया जा सके. Facebook New Name in Hindi

क्या है Metaverse? ( What is Metaverse )

Metaverse एक ऐसी वर्चुअल दुनिया होगी जिसमें लोग अपने कमरे में बैठ कर एक साथ कई जगहों पर अलग अलग अवतार के जरिए अलग अलग काम कर सकते हैं. इंटरनेट की इस नई दुनिया को मेटावर्स का नाम दिया गया है. मेटावर्स तकनीक का ऐसा ब्रह्मांड जिसमें आभासी तौर पर इंसान उन जगहों पर मौजूद हो सकता है, जिसे वर्चुअल एंड ऑगमेंटेड रियलिटी यानी संवर्धित वास्तविकता के जरिए हासिल किया जा सके. वैसे तो वीडियो गेम्स में इस तर्ज पर काफी काम हो चुका है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों की दुनिया में इसके दाखिल होने की प्रक्रिया को लेकर काफी चर्चा हो रही है.

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Facebook पर उठने लगे सवाल

फेसबुक की ओर से यह नाम ऐसे वक्त में बदला गया है जब कंपनी के ऊपर कई देशों में ऑनलाइन सुरक्षा, भड़काऊ कंटेंट को नहीं रोकने को लेकर सवाल उठने लगे हैं. भारत सरकार की ओर से भी फेसबुक को खत भेजकर सोशल मीडिया कंपनी की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले एल्गोरिदम और प्रक्रियाओं की डिटेल मांगी गई है. Facebook New Name in Hindi

2004 में जुकरबर्ग ने कही थी ये बात

2004 में फेसबुक बनाने वाले मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि फेसबुक का भविष्य मेटावर्स कॉन्सेप्ट में है. मेटावर्स मतलब एक वर्चुअल-रियलिटी स्पेस, जिसमें यूजर कंप्यूटर से जेनरेट किए गए वातावरण में एक दूसरे से कनेक्ट कर पाएं. कंपनी का ऑकुलस वर्चुअल रियलिटी हेडसेट्स और सर्विसेज उसी सोच को साकार करने का माध्यम है.

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जुकरबर्ग ने जुलाई में एक बार कहा था कि वह चाहते हैं कि आने वाले वर्षों में लोग उन्हें सोशल मीडिया कंपनी की बजाय एक मेटावर्स कंपनी की तरह देखें. Facebook New Name in Hindi

यूजर्स पर क्या होगा असर

फेसबुक के इस ऐलान से ओरिजिनल ऐप और सर्विस ज्यों की त्यों ही चलती रहेगी और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. ये कंपनी की री-ब्रांडिंग है और कंपनी के बाकी प्रॉडक्ट्स जैसे कि वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम को कंपनी के नए बैनर तले लाये जाने की योजना है. अभी तक कहा वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम को फेसबुक के प्रॉड्क्ट्स कहा जाता है, लेकिन फेसबुक खुद एक प्रॉडक्ट है.

यूजर्स के लिए कोई बदलाव नही

वहीं इस बड़े बदलाव को लेकर फेसबुक के यूजर्स के मन में लगातार यह प्रश्न उठ रहे हैं कि फेसबुक को चलाने में क्या दिक्कत आएगी। तो हम आपको बता दें कि ऐसी कोई बात नही है। पहले जैसे यूजर्स फेसबुक का इस्तेमाल करते थे ठीक उसी तरह इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। फेसबुक के नाम बदलने से इसका प्रभाव यूजर्स पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। नाम में बदलाव सिर्फ कंपनी के लिए ही किया गया है।

यानी फेसबुक का बतौर कंपनी नाम बदलकर मेटा किया गया है। कंपनी के बाकी मंच फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को इन्हीं नामों से जाना जाएगा। यानी नाम बदलने से यूजर्स पर सीधे तौर पर कोई असर नहीं दिखने वाला है। Facebook New Name in Hindi

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गेमिंग कि दुनिया में मौजूद मेटावर्स

ऐसा बिल्कुल नही है कि फेसबुक ही सबसे पहले मेटावर्स की शुरुआत कर रहा है। गेमिंग की दुनिया में मेटावर्स पहले से मौजूद है और उसमें कंपनियों और ग्राहकों दोनों की अच्छी खासी दिलचस्बी भी है। आज लोग घर में बैठकर एक वर्चुअल रिएलिटी हेडफोन के जरिये गेम की दुनिया में पहुंचकर उसका मजा ले रहे हैं और पूरी दुनिया में इसे पसंद किया जा रहा है।

अब फेसबुक में भी इस तरह के बदलाव से इसकी और लोकप्रियता बढ़ेगी। वहीं फेसबुक के अलावा माइक्रोसोफ्ट से लेकर निविडिया जैसी कई कंपनियां मेटावर्स पर काम कर रही हैं।ये तमाम कंपनियां वर्चुअल दुनिया में जाने के लिए लगातार काम करती आई हैं। वर्चुअल दुनिया में यह एक नई क्रांति है। Facebook New Name in Hindi

फेसबुक का सफर

  • 4 फरवरी 2004: जुकरबर्ग ने thefacebook.com नाम से एक नई वेबसाइट शुरू की.
  • 2005: फेसबुक को एक्सेल से $12.7m और वेंचर कैपिटलिस्ट जिम ब्रेयर के व्यक्तिगत भाग्य से $1m का निवेश प्राप्त हुआ.
  • अगस्त 2005: नाम बदलकर फेसबुक कर दिया गया और $200,000 की लागत से facebook.com डोमेन खरीदा.
  • सितंबर 2006: मंच वैश्विक हो गया और सभी के लिए खुला हो गया.
  • मई 2007: फेसबुक ने अपना मार्केटप्लेस शुरू किया, यहां उपयोगकर्ता अपने उत्पादों और सेवाओं को बेचने के लिए विज्ञापन पोस्ट कर सकते थे. 2007 के अंत तक एक लाख से अधिक कंपनियां अपने व्यवसाय से संबंधित पेज लॉन्च करने के लिए फेसबुक से जुड़ीं.
  • 2008: फेसबुक चैट, पीपल यू मे नो, फेसबुक वॉल और फेसबुक कनेक्ट जैसी सुविधाओं के साथ आया, जो उसी वर्ष रिलीज हुई, जिसने इसकी लोकप्रियता में इजाफा किया.
  • दिसंबर 2009: फेसबुक ने 350 मिलियन पंजीकृत उपयोगकर्ताओं और 132 मिलियन अद्वितीय मासिक उपयोगकर्ताओं के साथ बहुत बड़ी सफलता हासिल की.
  • 2012: Google और Amazon के बाद Facebook अमेरिका की तीसरी सबसे बड़ी वेब कंपनी बन गई.
  • 2012: फेसबुक ने 1 अरब डॉलर खर्च कर इंस्टाग्राम को खरीदा.
  • 2014: फेसबुक ने व्हाट्सएप को 19 अरब डॉलर में खरीदा, इससे कंपनी को युवा व्हाट्सएप यूजर बेस और उनके विदेशी यूजर्स तक पहुंचने में मदद मिली.
  • 2015: फेसबुक ने बिजली उपयोगकर्ताओं के लिए कंपनी के ऐप से लाइव वीडियो स्ट्रीम प्रसारित करने के लिए एक फीचर शुरू किया, फेसबुक मेंशन. छह महीने बाद, फेसबुक लाइव ब्रांडेड फीचर को सामान्य यूजर्स के लिए रोल आउट किया गया
  • 2021: फेसबुक इंक. अब मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक है. कंपनी ने कहा कि मेटा, मेटावर्स बनाने में मदद करेगा. एक ऐसी जगह जहां हम खेलेंगे और 3डी तकनीक के जरिए एक दूसरे से जुड़ेंगे. सामाजिक जुड़ाव के अगले चैप्टर में आपका स्वागत है.

फेसबुक से जुड़े बड़े विवाद

  • 2012: फेसबुक को इस रहस्योद्घाटन के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा कि वह 70,000 गैर-सहमति वाले प्रतिभागियों पर मनोवैज्ञानिक परीक्षण कर रहा था, उपयोगकर्ताओं के न्यूज़फ़ीड से कुछ शब्दों को हटाकर यह परीक्षण करने के लिए कि यह पोस्ट पर उनकी प्रतिक्रियाओं को कैसे प्रभावित करता है.
  • 2016: साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, बज़फीड की एक रिपोर्ट ने दिखाया कि झूठी खबरों ने वास्तविक समाचारों से बेहतर प्रदर्शन किया. मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक पर माफी मांगी और सुधार करने की योजना बनाई.
  • 2018: कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल: यह खुलासा करता है कि डेटा-एनालिटिक्स फर्म ने लाखों फेसबुक उपयोगकर्ताओं से गलत तरीके से डेटा प्राप्त किया. यह आरोप लगाया गया था कि कैंब्रिज एनालिटिका ने मतदाताओं को लक्षित करने के लिए फेसबुक उपयोगकर्ता डेटा का इस्तेमाल किया, जुकरबर्ग ने अप्रैल 2018 में कांग्रेस के सामने गवाही दी.
  • 2018: फेसबुक पर आरोप कि देश के सैन्य अधिकारियों द्वारा म्यांमार में मुस्लिम रोहिंग्या अल्पसंख्यक के खिलाफ नरसंहार को उकसाने के लिए सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया था.
  • 2018: फ्रांसिस हौगेन, व्हिसल-ब्लोअर ने अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) और वॉल स्ट्रीट जर्नल को हजारों आंतरिक दस्तावेज लीक किए. दस्तावेज़ से पता चलता है – फेसबुक अपने उत्पादों के कारण होने वाले नकारात्मक प्रभाव से अवगत था, लेकिन उसने बड़े पैमाने पर उन्हें नजरअंदाज कर दिया.
  • 2019: संघीय व्यापार आयोग (FTC) ने उपयोगकर्ता गोपनीयता के उल्लंघन पर फेसबुक पर $ 5 बिलियन का जुर्माना लगाया, जो एक तकनीकी कंपनी के लिए रिकॉर्ड-तोड़ जुर्माना था.
  • 2020: अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की एक रिपोर्ट से भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया था. इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया था कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी.
  • अप्रैल 2021: सोफी झांग, एक अन्य व्हिसल-ब्लोअर ने “हजारों खातों” के एक नेटवर्क की खोज की, जिसका उपयोग आप समर्थक राजनीतिक संदेशों को फैलाने के लिए किया जा रहा था. ये सारे अकाउंट्स खुद को बीजेपी समर्थकों के रूप में प्रस्तुत कर रहे थे जिन्होंने पीएम मोदी को वोट दिया था और वे दिल्ली में आम आदमी पार्टी का समर्थन करने की बात कह रहे थे.

मेटावर्स क्या है ?

मेटावर्स फेसबुक का ही एक नया प्लेटफार्म हो सकता है। इसी फेसबुक अपने नए पलटफोर्म के रूप में प्रयोग कर सकती है या फेसबुक अपना नाम चेंज भी कर सकती है।

फेसबुक मेटा वर्स कब लांच किया गया ?

फेसबुक मेटा Friday, 29 October 2021 को लॉच किया गया है। यह आने वाले समय में सबसे ज्यादा प्रयोग या यूज़ होने वाला हो सकता है।

मेटा वर्स के मालिक कौन है ?

फेसबुक मेटा वर्स के मालिक मार्क जुकरबर्ग है। यह इसके अलावा फेसबुक , इंस्टाग्राम , व्हाट्सप्प के भी मालिक है।

कब तक मेटा वर्स कब तक लांच हो सकता है ?

फेसबुक ने अभी लॉच किया है। और यही से इसका काम सुरु होता है , फेसबुक ने सम्भवना जताया है। की लगभग 10 सालो में पूरी हो जाएगी। और मेरे अनुसार फेसबुक ने बहुत सरे काम आप फेसबुक मेटा के जरिये किया जा सकता है।

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Mohd Aatif
Mohd Aatif is the Author & Co-Founder of the aatifblog.com. He has also completed his graduation in Computer Engineering from Kanpur(UP) . He is passionate about Blogging & Digital Marketing.

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