20+ करवा चौथ की शुभकामनाएँ | Karva Chauth 2021 Wishes, Quotes, Shayari, Message, SMS for Husband and Wife in Hindi | Karwa Chauth wishes for WhatsApp and Instagram, FB karaka chaturthi
करवा चौथ 2021 एक ऐसा त्यौहार जिसका खासकर हर सुहागन महिला को इंतज़ार होता है. इस त्यौहार का हिन्दू धर्म में बहुत महत्त्व होता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मॉस की चतुर्थी पर महिलाए अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत करती है और इसी दिन को करवा चौथ भी कहा जाता है. इस दिन महिलाऐं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए पुरे दिन भूखी प्यासी रहती है और फिर शाम को चंद्रमा को देखकर अपने पति के हाथ से पानी पीकर ये व्रत खोलती है.
हिंदू धर्म में करवा चौथ का काफी महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष 24 अक्टूबर को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाएगा।
करवा चौथ के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और रात के समय चंद्रमा का दर्शन करके उसकी पूजा करती हैं। बाद में अर्घ्य देकर पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत पारण करती हैं। हालांकि इस साल करवा चौथ पर बेहद ही शुभ योग बन रहा है। करवा चौथ के दिन इस बार रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा का पूजन होगा। बता दें कि यह संयोग पूरे 5 साल बाद बन रहा है।
करवा चौथ शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
व्रत तिथि : 24 अक्टूबर 2021, दिन रविवार
चतुर्थी तिथि आरंभ : 24 अक्टूबर 2021 रविवार को सुबह 03 बजकर 01 मिनट से होगा शुरू
चतुर्थी तिथि समाप्त : 25 अक्टूबर 2021 सोमवार को सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर
चंद्रोदय का समय : 8 बजकर 7 मिनट पर दिखेगा चांद
करवा चौथ पूजा विधि:
करवा चौथ के दिन सुबह उठकर स्नानि और नित्य कर्म से निव्रत होकर करवा चौथ माता के व्रत का संकल्प करना चाहिए। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और मुहूर्त के हिसाब से पूजा करती हैं। पूजा के दौरान चौथ माता (गौरी मां) और भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान मां की तस्वीर को रोली का तिलक लगाकर उन्हें नैवेद्य, फूल और पंचामृत आदि अर्पित किए जाते हैं। फिर मां को हलवा-पूड़ी का भोग लगाया जाता है। रात्रि में चांद निकलने पर उन्हें अर्घ्य दिया जाता है और पति के हाथों से महिलाएं जल ग्रहण करती हैं।
छलनी से चांद को क्यों देखती हैं महिलाएं:
करवा चौथ के दिन महिलाएं छलनी से अपनी पति को देखती हैं। छलनी से चांद देखने की इस परंपरा की कल्पना चंद्रमा और भगवान ब्रह्मा से की गई है। चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का स्वरूप माना गया है, साथ ही चांद में शीतलता, शालीनता, प्यार, जगत प्रसिद्धि जैसे गुण समाहित हैं। इसलिए करवा चौथ पर सभी महिलाएं छलनी से चांद को देखकर ये कामना करती हैं कि उनका पति भी चांद जैसे गुणों से परिपूर्ण हो।
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